माहेश्वरी
From जैनकोष
अश्वत्थामा को सिद्ध एक विद्या । इसके हाथ में शूल और मस्तक पर चंद्र होता है । इसके प्रभाव से पांडवों की सेना नष्ट हो गयी थी । पांडवपुराण 20.308
अश्वत्थामा को सिद्ध एक विद्या । इसके हाथ में शूल और मस्तक पर चंद्र होता है । इसके प्रभाव से पांडवों की सेना नष्ट हो गयी थी । पांडवपुराण 20.308