यक्षस्थान
From जैनकोष
भरतक्षेत्र का एक नगर । यहाँ सुरप और कर्षक दो भाई रहते थे जो आगामी भव में उदित और मुदित नामक मुनि हुए । पद्मपुराण - 39.137-139
भरतक्षेत्र का एक नगर । यहाँ सुरप और कर्षक दो भाई रहते थे जो आगामी भव में उदित और मुदित नामक मुनि हुए । पद्मपुराण - 39.137-139