त्रेपन क्रियाव्रत
From जैनकोष
व्रत विधान सं./४६
- आठमूलगुण की आठ अष्टमी;
- पाच अणुव्रत की पाच पंचमी;
- तीन गुणव्रत की तीन; तीज
- चार शिक्षाव्रत की चार चौथ;
- बारह तप की १२ द्वादशी;
- समता भाव की १ पडिमा;
- ग्यारह प्रतिमा की ११ एकादशी;
- चार दान की चार चौथ;
- जल गालन की एक पडिमा;
- रात्रि भोजन त्याग की एक पडिमा;
- तीन रत्नत्रय की तीन तीज। इस प्रकार त्रेपन तिथियों के ५३ उपवास। जाप–नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप।