धूमप्रभा
From जैनकोष
स.सि./३/१/२०३/८ धूमप्रभा सहचरिता भूमिर्धूमप्रभा। =जिस पृथिवी की प्रभा धुआ के समान है वह भूमि धूमप्रभा है। (ति.प./२/२१), (रा.वा./३/१/३/१५९/१९) ज.प./११/१२१ अवसेसा पुढवीओ बोद्धव्वा होंति पंकबहुलाओ।=रत्नप्रभा को छोड़कर (नरक की) शेष छ: पृथिवियों को पंक बहुल जानना चाहिए।