स्वाहा
From जैनकोष
भ.आ./वि./१७३९/१५६६/५
स्वाहाकारान्ता तद्रहितमन्त्रस्य। =जिसके अन्त में स्वाहाकार है, वह विद्या है। मन्त्र स्वाहाकार से रहित होता है।
भ.आ./वि./१७३९/१५६६/५
स्वाहाकारान्ता तद्रहितमन्त्रस्य। =जिसके अन्त में स्वाहाकार है, वह विद्या है। मन्त्र स्वाहाकार से रहित होता है।