अचल
From जैनकोष
१. जीव के अचल प्रदेश (दे. जीव ४) २. द्वितीय बलदेव। अपरनाम अचलस्तोक (दे. अचलस्तोक)। ३. षष्ठ रुद्र। अपरनाम बल (दे. शलाका पुरुष ७)। ४. भरत क्षेत्र का एक ग्राम (दे. मनुष्य ४)। ५. पश्चिम धातकी खण्ड का मेरु (दे. लोक ४/२)।
१. जीव के अचल प्रदेश (दे. जीव ४) २. द्वितीय बलदेव। अपरनाम अचलस्तोक (दे. अचलस्तोक)। ३. षष्ठ रुद्र। अपरनाम बल (दे. शलाका पुरुष ७)। ४. भरत क्षेत्र का एक ग्राम (दे. मनुष्य ४)। ५. पश्चिम धातकी खण्ड का मेरु (दे. लोक ४/२)।