अनंतचतुर्दशी व्रत
From जैनकोष
व्रत विधान संग्रह/पृ. ८७ गणना-कुल समय = १४ वर्ष तक; उपवास = १४।
किशन सिंह क्रिया कोश विधि-१४ वर्ष तक प्रत्येक वर्ष अनन्तचतुर्दशी (भाद्रपद्र शु. १४) को उपवास। अनन्तनाथ भगवान् की पूजा। मन्त्र-"ओं नमो अर्हते भगवते अनन्ते अनन्तकेवलीय अनन्तणाणे अणंतकेवलदंसणे अणुपूजवासणे अनन्ते अनन्तागमकेवलिने स्वाहा" अथवा-यदि लम्बा पड़े तो "ओं ह्रीं अर्हं हं सः अनन्तकेवलिने नमः" इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।