अभिमान
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ४/२१/२५२ मानकषायादुत्पन्नोऽहंकारोऽभिमानः।
= मान कषायके उदयसे उत्पन्न अहंकारको अभिमान कहते हैं।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ४/२१/४/२३६)।
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ४/२१/२५२ मानकषायादुत्पन्नोऽहंकारोऽभिमानः।
= मान कषायके उदयसे उत्पन्न अहंकारको अभिमान कहते हैं।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ४/२१/४/२३६)।