धवला पुस्तक संख्या १३/५,५,५९/३१/३०१ कोटिकोट्योदशैतेषां पल्यानां सागरोपमम्। सागरोपमकोटीनां दश कोट्योऽवसर्पिणी ।।३१।।
= दस कोड़ाकोड़ी पल्योंका एक सागरोपम होता है और दस कोड़ाकोड़ी सागरोपमोंका एक अवसर्पिणी काल होता है। विशेष देखे काल /४।