इंद्रनंदि
From जैनकोष
(जैन साहित्य और इतिहास पृ.२७०/प्रेमीजी);
(जै./१/३८३); (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या २/४१९; ३/१८०)
= देशीयगणके आचार्य दीक्षा गुरु वासवनन्दिके शिष्य बप्पनन्दि। शिक्षागुरु अभयनन्दि। ज्येष्ठ गुरु भाईके नाते नेमिचन्द्र सि. चक्रवर्तीके शिक्षा गुरु। (देखे इतिहास /७/५) कृतियें - १. नीतिसार; २. समय भूषण; ३. इन्द्रनंदि संहिता; ४. मुनि प्रायश्चित (प्रा.); ५. प्रतिष्ठापाठ; ६. पूजा कल्प; ७. शान्तिचक्र पूजा; ८. अंकुरारोपण; ९. प्रतिभा संस्कारारोपण पूजा; १०. ज्वालामालिनी; ११. औषधि कल्प; १२. भूमिकल्प; १३. श्रुतावतार। समय-ज्वालामालिनी कल्पका रचनाकाल शक ८६१। तदनुसार ई.श.१० का मध्य।