उपासना
From जैनकोष
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा संख्या २६२/३५४/१२ उपासनं शुद्धात्मभावनासहकारिकारणनिमित्तसेवा।
= शुद्धात्म भावनाकी सहकारी कारणरूपसे की गयी सेवाको उपासना कहते हैं।
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा संख्या २६२/३५४/१२ उपासनं शुद्धात्मभावनासहकारिकारणनिमित्तसेवा।
= शुद्धात्म भावनाकी सहकारी कारणरूपसे की गयी सेवाको उपासना कहते हैं।