कर्मत्व
From जैनकोष
वैशे.द./१-२/१५ कर्मसु भावात् कर्मत्वमुक्तम् ।१५।=प्रत्येक कर्म में रहने वाला सामान्य व नित्य धर्म कर्मत्व है।
वैशे.द./१-२/१५ कर्मसु भावात् कर्मत्वमुक्तम् ।१५।=प्रत्येक कर्म में रहने वाला सामान्य व नित्य धर्म कर्मत्व है।