त्रैकाल्य योगी
From जैनकोष
संघ के देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार (–देखें - इतिहास ) आप गोलाचार्य के शिष्य तथा अभयनन्दि के गुरु थे। समय–वि.९२०-९३०। (ई०८६३-८७३); (ष.खं./२/प्र./४ H.L.jain); (पं.वि./प्र./२८ A.N. up)– देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
संघ के देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार (–देखें - इतिहास ) आप गोलाचार्य के शिष्य तथा अभयनन्दि के गुरु थे। समय–वि.९२०-९३०। (ई०८६३-८७३); (ष.खं./२/प्र./४ H.L.jain); (पं.वि./प्र./२८ A.N. up)– देखें - इतिहास / ७ / ५ ।