पद्मदेवी
From जैनकोष
भरतक्षेत्र के मगधदेश में स्थित शाल्मलि-ग्रामवासी जयदेव और देविला की पुत्री । अज्ञात फल का भक्षण न करने से इसके उत्तर जन्म सुधरते गये । आर्या, स्वयंप्रभा, विमलश्री, इन्द्र की प्रधान देवी, पद्मावती और देव होकर यह संसार से मुक्त हुई । हरिवंशपुराण 60. 109-122