सत्याणुव्रत
From जैनकोष
अहिंसा आदि पाँच अणुव्रतों में दूसरा अणुव्रत, राग, द्वेष और मोह (अज्ञान) से प्रेरित होकर परपीडाकारी असत्य वचन का त्याग करके हितकारी सारभूत सत्य वचन बोलना सत्याणुव्रत है । हरिवंशपुराण 58.139 वीरवर्द्धमान चरित्र 18.40
अहिंसा आदि पाँच अणुव्रतों में दूसरा अणुव्रत, राग, द्वेष और मोह (अज्ञान) से प्रेरित होकर परपीडाकारी असत्य वचन का त्याग करके हितकारी सारभूत सत्य वचन बोलना सत्याणुव्रत है । हरिवंशपुराण 58.139 वीरवर्द्धमान चरित्र 18.40