आज्ञाव्यापादिकीक्रिया
From जैनकोष
साम्परायिक आस्रव की उन्नीसवीं क्रिया-आगम की आज्ञा के अनुसार आवश्यक आदि क्रियाओं के करने मे असमर्थ महापुराण के द्वारा मोह के उदय से उनका अन्यथा निरूपण । हरिवंशपुराण 58. 77 देखें साम्परायिक आस्रव
साम्परायिक आस्रव की उन्नीसवीं क्रिया-आगम की आज्ञा के अनुसार आवश्यक आदि क्रियाओं के करने मे असमर्थ महापुराण के द्वारा मोह के उदय से उनका अन्यथा निरूपण । हरिवंशपुराण 58. 77 देखें साम्परायिक आस्रव