गन्धर्व
From जैनकोष
(1) गन्धर्वनगर के निवासी इन्द्र के गायक देव । ये देवसेना के आगे वाद्य बजाते हुए चलते हैं । महापुराण 13.50, 14.96, पद्मपुराण 3.309-310, 7.118, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.99
(2) संगीत-विद्या । हरिवंशपुराण 8.43
(3) रात्रि का तीसरा प्रहर । महापुराण 74.255
(4) सुमेरु पर्वत के नन्दन बन की पश्चिम दिशा में स्थित एक भवन । इसकी चौड़ाई तीस योजन, ऊँचाई पचास योजन और परिधि नब्बे योजन है । यहाँ लोकपाल वरुण अपने परिवार की साढ़े तीन करोड़ स्त्रियों के साथ मनोरंजन करता है । हरिवंशपुराण 5. 315-318
(5) विद्याओं के आठ निकायों में पांचवाँ निकाय । यह अदिति देवी ने नमि और विनमि को दिया था । हरिवंशपुराण 22.57-58
(6) एक विवाह । इसमें पुरुष और स्त्री स्वयं एक दूसरे को वर लेते हैं । कोई वैवाहिक विधि नहीं होती । पद्मपुराण 8.108
(7) दधिमुख नगर का राजा । इसकी रानी अमरा से उत्पन्न तीन पुत्रियाँ थी― चन्द्रलेखा, विद्युत्प्रभा और तरंगमाला । इसने राम के साथ इनका विवाह कर दिया था । पद्मपुराण 51.25-26, 47-48
(8) अर्जुन का एक मित्र । इसने वनवास के सहाय वन मे दुर्योधन को युद्ध में बाँधा था । पांडवपुराण 17.65-67, 101-104