छद्मस्थकाल
From जैनकोष
संयम धारण करने के समय से केवलज्ञान उत्पन्न होने तक का काल । वर्तमान तीर्थंकरों का छद्मस्थ काल निम्न प्रकार है―
वृषभनाथ -: एक हजार वर्ष
अजितनाथ -: बारह वर्ष
शम्भवनाथ -: चौदह वर्ष
अभिनन्दन -: अठारह वर्ष
सुमतिनाथ -: बीस वर्ष
पद्मप्रभ -: छ: मास
सुपार्श्वनाथ -: नौ वर्ष
चन्द्रप्रभ -: तीन मास
पुष्पदन्त-: चार मास
शीतलनाथ -: तीन मास
श्रेयांसनाथ -: दो मास
वासुपूज्य -: एक मास
विमलनाथ -: तीन मास
अनन्तनाथ -: दो मास
धर्मनाथ -: एक मास
शान्तिनाथ -: सोलह वर्ष
कुन्थुनाथ -: सोलह वर्ष
अरनाथ -: सोलह वर्ष
मल्लिनाथ -: छ: दिन
मुनिसुव्रत -: ग्यारह मास
नमिनाथ -: नौ वर्ष
नेमिनाथ -: छप्पन दिन
पार्श्वनाथ -: चार मास
महावीर -: बारह वर्ष । हरिवंशपुराण 12. 79, 16. 64, 60 336-340