अनेकप
From जैनकोष
द्वीप (हाथी) । तीर्थंकरों के गर्भ में आते ही उनकी जननी सोलह स्वप्न देखती है । उन सोलह स्वप्नों में ऐरावत हाथी प्रथम स्वप्न में ही दिखायी देता है । इस स्वप्न का फल गर्भस्थ शिशु का अनेक जीवों का रक्षक, अपनी चाल से हाथी की चाल को तिरस्कृत करने वाला और तीनों लोकों का एकाधिपति होना बताया गया है । हरिवंशपुराण 27. 5-6, 27