अप्रमेयत्व
From जैनकोष
मुक्त जीव का एक गुण । इस गुण को प्राप्ति के लिए ‘‘अप्रमेयाय नमः’’ यह पीठिका-मन्त्र है । महापुराण 40. 16, 42-103
मुक्त जीव का एक गुण । इस गुण को प्राप्ति के लिए ‘‘अप्रमेयाय नमः’’ यह पीठिका-मन्त्र है । महापुराण 40. 16, 42-103