अभ्युदयकारी धार्मिक कृत्य । अभिषेक पूर्वक गन्ध आदि से जिनेन्द्र की अर्चा करना । महापुराण 6.107,7.276-278
पूर्व पृष्ठ
अगला पृष्ठ