अवसर्पिणी
From जैनकोष
धवला पुस्तक 13/5,5,59/31/301 कोटिकोट्योदशैतेषां पल्यानां सागरोपमम्। सागरोपमकोटीनां दश कोट्योऽवसर्पिणी ॥31॥
= दस कोड़ाकोड़ी पल्योंका एक सागरोपम होता है और दस कोड़ाकोड़ी सागरोपमोंका एक अवसर्पिणी काल होता है। विशेष देखें काल - 4।
धवला पुस्तक 13/5,5,59/31/301 कोटिकोट्योदशैतेषां पल्यानां सागरोपमम्। सागरोपमकोटीनां दश कोट्योऽवसर्पिणी ॥31॥
= दस कोड़ाकोड़ी पल्योंका एक सागरोपम होता है और दस कोड़ाकोड़ी सागरोपमोंका एक अवसर्पिणी काल होता है। विशेष देखें काल - 4।