अंकुर
From जैनकोष
(1) रावण के राक्षसवंशी राजाओं के साथ युद्ध करने के लिए तत्पर वानरवंशी नृप । पद्मपुराण 60.5-6
(2) जल-आर्द्रता, पृथिवी का आधार, आकाश का अवगाहन, वायु का अन्तर्नीहार और धूप की उष्णता पाकर हुई बीज की भूमि-गर्भ से बाहर निकलने की आरम्भिक स्थिति । महापुराण 3.180-181, 5.18