कलि चतुर्दशी व्रत
From जैनकोष
विधि—आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, इन चार महीनों की शुक्ल चतुर्दशियों को बराबर ४ वर्ष तक उपवास करना। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। (व्रत-विधान संग्रह/पृ.१०३)
विधि—आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, इन चार महीनों की शुक्ल चतुर्दशियों को बराबर ४ वर्ष तक उपवास करना। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। (व्रत-विधान संग्रह/पृ.१०३)