कामपुष्प
From जैनकोष
ऊँचे कोट और गोपुर से युक्त और तीन-तीन परिखाओं से आवृत, विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का एक नगर । महापुराण 19. 48-53
ऊँचे कोट और गोपुर से युक्त और तीन-तीन परिखाओं से आवृत, विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का एक नगर । महापुराण 19. 48-53