कारित
From जैनकोष
स.सि./६/८/३२५/५ कारिताभिधानं परप्रयोगापेक्षम् ।=कार्य में दूसरे के प्रयोग की अपेक्षा दिखलाने के लिए ‘कारित’ शब्द रखा है। (रा.वा.६/८/८/५१४/९) ; (चा.सा./८८/५)
स.सि./६/८/३२५/५ कारिताभिधानं परप्रयोगापेक्षम् ।=कार्य में दूसरे के प्रयोग की अपेक्षा दिखलाने के लिए ‘कारित’ शब्द रखा है। (रा.वा.६/८/८/५१४/९) ; (चा.सा./८८/५)