कृतयुग
From जैनकोष
युग के आदि ब्रह्मा वृषभदेव द्वारा प्रारम्भ किया गया कर्मयुग । तृतीय काल के अन्त में आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा के दिन इसका शुभारम्भ हुआ था । इस काल में असि-मसि आदि छ: कर्मों द्वारा प्रजा के अत्यन्त संतुष्ट एवं सुखी होने के कारण यह युग कृतयुग कहलाया । महापुराण 3.204, 16.189-190, 41.5, 46, पद्मपुराण 3.259, हरिवंशपुराण 9.40