क्रियाकलाप ग्रंथ
From जैनकोष
साधुओं के नित्य व नैमित्तिक प्रतिक्रमणादि क्रियाकर्म सम्बन्धी विषयों का प्रतिपादक एक संग्रह ग्रन्थ है। यह पं पन्नालालजी सोनी ने किया है। इस ग्रन्थ के प्रथम अध्याय का संग्रह तो पण्डितजी का अपना किया हुआ है और शेष संग्रह काफी प्राचीन है। सम्भवत: इसके संग्रहकर्ता पं० प्रभाचन्द हैं (ई०श० १४-१७)। उनके अनुसार इस ग्रन्थ में संग्रहीत सर्वत्र प्राकृत भक्ति पाठ तो आ० कुन्दकुन्द के हैं और संस्कृत भक्ति पाठ आ॰ पूज्यपाद के हैं। शेष भक्तियें भी वि॰ १४ वीं शताब्दी के पूर्व कभी लिखी गयी हैं। (स.सि./प्र.८८/पं॰फूलचन्द)।