खचर
From जैनकोष
भा.षा./टी./७५/२१८/४ खे चरन्त्याकाशे गच्छन्तीति खचरा: विद्याधरा उभयश्रेणिसंबन्धिन:।=आकाश में जो चरते हैं, गमन करते हैं वे खचर कहलाते हैं, ऐसे विजयार्ध की उभयश्रेणि सम्बन्धी विद्याधर (खचर कहलाते हैं)।
भा.षा./टी./७५/२१८/४ खे चरन्त्याकाशे गच्छन्तीति खचरा: विद्याधरा उभयश्रेणिसंबन्धिन:।=आकाश में जो चरते हैं, गमन करते हैं वे खचर कहलाते हैं, ऐसे विजयार्ध की उभयश्रेणि सम्बन्धी विद्याधर (खचर कहलाते हैं)।