गंगदेव
From जैनकोष
श्रुतावतार के अनुसार आपका नाम (देखें - इतिहास ) देव था। आप भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् दसवें, ११वें अंग व पूर्वधारी हुए थे। समय–वी०नि० ३१५-३२९ (ई०पू०२१२-१९८)। ( देखें - इतिहास / ४ / ४ )।
श्रुतावतार के अनुसार आपका नाम (देखें - इतिहास ) देव था। आप भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् दसवें, ११वें अंग व पूर्वधारी हुए थे। समय–वी०नि० ३१५-३२९ (ई०पू०२१२-१९८)। ( देखें - इतिहास / ४ / ४ )।