जगतुंग
From जैनकोष
राष्ट्रकूट का राजा था। इसने अपने भाई इन्द्रराज की सहायता से कृष्णराज प्रथम के पुत्र श्रीवल्लभ (गोविन्द द्वितीय) को युद्ध में परास्त करके श.सं. ७१६ में उसका राज्य (वर्द्धमानपुर की दक्षिण दिशा) छीन लिया था। इसीलिए इसका नाम गोविन्द तृतीय भी कहा जाता है। अमोघवर्ष प्रथम इसी का पुत्र था। राज्यकाल=श.सं.७१६-७३५ (ई०७९४-८१३)– देखें - इतिहास / ३ / ५ । (ष.खं.१/प्र.II/A.N.UP); (ष.खं.१/प्र.३९/H.L. Jain (आ.अनु/प्र.१०/ A.N.UP & H.L. Jain); (क.पा.१/प्र.७३/पं.महेन्द्र) (म.पु.प्र/प्र४१/पं.पन्नालाल)।