जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति
From जैनकोष
परिकर्म-दृष्टिवाद श्रुत का एक भेद । इसमें तीन लाख पच्चीस हजार पदों के द्वारा जम्बूद्वीप का सम्पूर्ण वर्णन है । हरिवंशपुराण 10.62,65
परिकर्म-दृष्टिवाद श्रुत का एक भेद । इसमें तीन लाख पच्चीस हजार पदों के द्वारा जम्बूद्वीप का सम्पूर्ण वर्णन है । हरिवंशपुराण 10.62,65