जयपाल
From जैनकोष
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप ११ अंगधारियों में द्वितीय थे। अपर नाम यशपाल या जसपाल था। समय–वी.नि.३६३-३८३ (ई.पू.१६४-१४४)– देखें - इतिहास / ४ / ४ ।
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप ११ अंगधारियों में द्वितीय थे। अपर नाम यशपाल या जसपाल था। समय–वी.नि.३६३-३८३ (ई.पू.१६४-१४४)– देखें - इतिहास / ४ / ४ ।