जीवद्यशा
From जैनकोष
―(ह.पु./सर्ग/श्लोक)–राजगृह नगर के राजा जरासन्ध (प्रतिनारायण) की पुत्री थी। कंस के साथ विवाही गयी। (३३/२४) अपनी ननद देवकी के रजोवस्त्र अतिमुक्तक मुनि को दिखाने पर मुनि ने इसे श्राप दिया कि देवकी के पुत्र द्वारा ही उसका पति व पुत्र दोनों मारे जायेंगे। (३२/३३-३६)। और ऐसा ही हुआ। (३६/४५)।