णमोकार पैंतीसी व्रत
From जैनकोष
आषाढ़ शु. ७ से आसौज शु. ७ तक ७ सप्तमियाँ; कार्तिक कृ.५ से पौष कृ०५ तक ५ पंचमियाँ; पौष कृ.१४ से आषाढ़ शु.१४ तक १४ चतुर्दशियाँ; श्रावण कृ.९ से आसौज कृ.९ तक ९ नवमियाँ, इस प्रकार ३५ तिथियों में ३५ उपवास करे। णमोकार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। नमस्कार मन्त्र की ही पूजा करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.४५)।