तीर्थंकर परिचय सारणी page-383
From जैनकोष
- ज्ञानावतरण
२३. दीक्षा वन |
२४. दीक्षा वृक्ष |
२५. सह दीक्षित |
२६. केवलज्ञान तिथि |
२७.केवलज्ञान नक्षत्र |
२८.केवलोत्पत्ति काल |
|||||||||
नं. |
ति.प./४/६४४-६६७ |
म.पु. दीक्षातिथि वत् देखें - नं .१९ |
प.पु./२०/३६-६० |
म.पु. दीक्षातिथि वत् देखें - नं .१९ |
१.ति.प./४/६६८ २.ह.पु./६०/३५०३. म.पु. दीक्षातिथि वत् देखें - नं .१९ |
म.पु./सर्ग/श्लो० |
ति.प./४/६७९-७०१ |
ह.पु./४/२५७-२६५ |
म.पु./पूर्ववत् |
ति.प./४/६७९-७०१ |
म.पु./पूर्ववत् |
ति.प./४/६७९-७०१ |
ह.पु./६०/२५६ |
म.पु./पूर्ववत् |
१ |
सिद्धार्थ |
सिद्धार्थ (१७/१८२) |
वट |
|
४००० |
२०/२६८ |
फा.कृ.११ |
फा.कृ.११ |
फा.कृ.११ |
उत्तराषाढा |
उत्तराषाढा |
पूर्वाह्न |
पूर्वाह्न |
|
२ |
सहेतुक |
सहेतुक |
सप्तवर्ण |
सप्तवर्ण |
१००० |
४८/४२ |
पौष शु.१४ |
फा.कृ.११ |
पौष शु.११ |
रोहिणी |
रोहिणी |
अपराह्न |
अपराह्न |
सन्ध्या |
३ |
सहेतुक |
सहेतुक |
शाल |
शाल्मलि |
१००० |
४९/४०-४१ |
का.कृ.५ |
का.कृ.५ |
का.कृ.४ |
ज्येष्ठा |
मृगशिरा |
अपराह्न |
अपराह्न |
सन्ध्या |
४ |
उग्र |
अग्रोद्यान |
सरल |
असन |
१००० |
५०/५६ |
का.शु.५ |
पौष शु.१५ |
पौष शु.१४ |
पुनर्वसु |
पुनर्वसु |
अपराह्न |
अपराह्न |
सन्ध्या |
५ |
सहेतुक |
सहेतुक |
प्रियङ्गु |
प्रियङ्गु |
१००० |
५१/७५ |
पौष शु.१५ |
चैत्र शु.१० |
चैत्र शु.११ |
हस्त |
हस्त |
अपराह्न |
अपराह्न |
सूर्यास्त |
६ |
मनोहर |
मनोहर |
प्रियङ्गु |
प्रियङ्गु |
१००० |
५२/५६-५० |
वैशा.शु.१० |
चैत्र शु.१० |
चैत्र शु.१५ |
चित्रा |
चित्रा |
अपराह्न |
अपराह्न |
अपराह्न |
७ |
सहेतुक |
सहेतुक |
श्रीष |
श्रीष |
१००० |
५३/४५ |
फा.कृ.७ |
फा.कृ.७ |
फा.कृ.६ |
विशाखा |
विशाखा |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
८ |
सर्वार्थ |
सुवर्तक |
नाग |
नाग |
१००० |
५४/२२३-२२४ |
फा.कृ.७ |
फा.कृ.७ |
फा.कृ.७ |
अनुराधा |
अनुराधा |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
९ |
पुष्प |
पुष्पक |
साल |
नाग |
१००० |
५५/४९ |
का.शु.३ |
का.शु.३ |
का.शु.२ |
मूल |
मूल |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१० |
सहेतुक |
सहेतुक |
प्लक्ष |
बेल |
१००० |
५६/४८-४९ |
पौष कृ.१४ |
पौष कृ.१४ |
पौष कृ.१४ |
पूर्वाषाढा |
पूर्वाषाढा |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
११ |
मनोहर |
मनोहर |
तेन्दु |
तुम्बुर |
१००० |
५७/५१-५२ |
माघ कृ.१५ |
माघ कृ.१५ |
माघ कृ.१५ |
श्रवण |
श्रवण |
अपराह्न |
पूर्वाह्न |
सायं |
१२ |
मनोहर |
मनोहर |
पाटला |
कदम्ब |
६०६ |
५८/४२ |
माघ शु.२ |
माघ शु.२ |
माघ शु.२ |
विशाखा |
विशाखा |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१३ |
सहेतुक |
सहेतुक |
जम्बू |
जम्बु |
१००० |
५९/४४-४५ |
पौष शु.१० |
पौष शु.१० |
माघ शु.६ |
उत्तराषाढा |
उत्तराभाद्रा |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१४ |
सहेतुक |
सहेतुक |
पीपल |
अश्वत्थ |
१००० |
६०/३५-३६ |
चैत्र कृ.१५ |
चैत्र कृ.१५ |
चैत्र कृ.१५ |
रेवती |
रेवती |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१५ |
शालि |
शाल |
दधिपर्ण |
सप्तच्छद |
१००० |
६१/४२-४३ |
पौष शु.१५ |
पौष शु.१५ |
पौष शु.१५ |
पुष्य |
पुष्य |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१६ |
आम्रवन |
सहस्राम्र |
नन्द |
नन्द्यावर्त |
१००० |
६३/४८१-४८२ |
पौष शु.११ |
पौष शु.११ |
पौष शु.१० |
भरणी |
|
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१७ |
सहेतुक |
सहेतुक |
तिलक |
तिलक |
१००० |
६४/४२-४३ |
चैत्र शु.३ |
चैत्र शु.३ |
चैत्र शु.३ |
कृत्तिका |
कृत्तिका |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१८ |
सहेतुक |
सहेतुक |
आम्र |
आम्र |
१००० |
६५/३७-३८ |
का.शु.१२ |
का.शु.१२ |
का.शु.१२ |
रेवती |
रेवती |
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
१९ |
शालि |
श्वेत |
अशोक |
अशोक |
३०० |
६६/५१-५२ |
फा.कृ.१२ |
फा.कृ.१२ |
मार्ग.शु.११ |
अश्विनी |
अश्विनी |
अपराह्न |
पूर्वाह्न |
प्रात: |
२० |
नील |
नीलोद्यान |
चम्पक |
चम्पक |
२००० |
६७/४६-४७ |
फा.कृ.६ |
मार्ग.शु.५ (१६/६४) |
चैत्र कृ.१० |
श्रवण |
श्रवण |
पूर्वाह्न |
अपराह्न |
सायं |
२१ |
चैत्र |
चैत्रोद्यान |
बकुल |
बकुल |
२००० |
६६/५७-५९ |
चैत्र शु.३ |
चैत्र शु.३ |
मार्ग.शु.११ |
अश्विनी |
|
अपराह्न |
अपराह्न |
सायं |
२२ |
सहकार |
सहस्रार |
मेषशृंग |
बांस |
२००० |
७१/१७९-१८१ |
आश्वि.शु.१ |
आश्वि.शु.१ |
आश्वि.कृ.१ |
चित्रा |
चित्रा |
पूर्वाह्न |
पूर्वाह्न |
प्रात: |
२३ |
अश्वत्थ |
अश्ववन |
धव |
देवदारु |
३०० |
७३/१३४-१४३ |
चैत्र कृ.४ |
चैत्र कृ.४ |
चैत्र कृ.१३ |
विशाखा |
विशाखा |
पूर्वाह्न |
पूर्वाह्न |
प्रात: |
२४ |
नाथ |
षण्डवन |
साल |
साल |
एकाकी |
७४/३५० |
वै.शु.१० |
वै.शु.१० |
वै.शु.१० |
मघा |
हस्त व उत्तराफागुनी |
अपराह्न |
अपराह्न |
अपराह्न |