दर्शनशुद्धि
From जैनकोष
आ०चन्द्रप्रभ सूरि (ई०११०२) द्वारा रचित सम्यक्त्व विषयक न्यायपूर्ण ग्रन्थ। न्यायावतार/प्र.४/सतीशचन्द्र
आ०चन्द्रप्रभ सूरि (ई०११०२) द्वारा रचित सम्यक्त्व विषयक न्यायपूर्ण ग्रन्थ। न्यायावतार/प्र.४/सतीशचन्द्र