द्वितीय-व्रत-भावना
From जैनकोष
सत्यव्रत की पाँच भावनाएँ । ये क्रोध, लोभ, भय और हास्य का त्याग तथा शास्त्रानुकूल उपदेश रूप हैं । महापुराण 20. 162
सत्यव्रत की पाँच भावनाएँ । ये क्रोध, लोभ, भय और हास्य का त्याग तथा शास्त्रानुकूल उपदेश रूप हैं । महापुराण 20. 162