नघुष
From जैनकोष
(प.पु./२२/श्लोक) हिरण्यगर्भ का पुत्र तथा सुकौशल का पोता था।११३। शत्रु को वश करने के कारण इसे सुदास भी कहते थे।१३१। मांसभक्षी बन गया। रसोइये ने मरे हुए बच्चे का मांस खिला दिया।१३८। नरमांस खाने का व्यसनी हो जाने से अन्त में रसोइये को ही खा गया।१४६। प्रजा ने विद्रोह करके देश से निकाल दिया। तब अणुव्रत धारण किये।१४८। राजा का पटबन्ध हाथी उसे उठाकर ले गया, जिस कारण उसे पुन: राज्यपद मिला।१४९। फिर उसने अपने पुत्र को जीतकर, समस्त राज्य उसी को सौंप स्वयं दीक्षा धारण कर ली।१५२।