नास्तित्व स्वभाव
From जैनकोष
आ.प./६ परस्वरूपेणाभावान्नास्तिस्वभाव। =पर स्वरूप से अभाव होना सो नास्तित्व स्वभाव है। जैसे–घट पटस्वभावी नहीं है। न.च.वृ./६१ असंततच्चा हु अण्णमण्णेण। =अन्य का अन्यरूप से न होना ही असत् स्वभाव है।
आ.प./६ परस्वरूपेणाभावान्नास्तिस्वभाव। =पर स्वरूप से अभाव होना सो नास्तित्व स्वभाव है। जैसे–घट पटस्वभावी नहीं है। न.च.वृ./६१ असंततच्चा हु अण्णमण्णेण। =अन्य का अन्यरूप से न होना ही असत् स्वभाव है।