पांडु
From जैनकोष
- चक्रवर्ती की नव निधियों में से एक। - देखें - शलाका पुरुष।
- पा.पु./सर्ग/श्लोक भीष्म के सौतेले भाई व्यास का पुत्र था (७/११७)। अन्धकवृष्णिकी कुन्ती नामक पुत्री से छद्मवेश में सम्भोग किया। उससे कर्ण नामक पुत्र उत्पन्न हुआ (७/१६४-१६६; ७/२०४)। तत्पश्चात् उसकी छोटी बहन मद्री सहित कुन्ती से विवाह किया (८/३४-१०७)। कुन्ती से युधिष्ठिर, अर्जुन व भीम तथा मद्री से नकुल व सहदेव उत्पन्न हुए। ये पाँचों ही आगे जाकर पाण्डव नाम से प्रसिद्ध हुए (८/१४३-१७५)। अन्त में दीक्षा धारण कर तीन मुक्त हुए और दो समाधिपूर्वक स्वर्ग में उत्पन्न हुए (९/१२७-१३८)।