पूजापाठ
From जैनकोष
जैन आम्नाय में पूजा विधान आदि सम्बन्धी कई रचनाएँ प्रसिद्ध हैं -
- आचार्य पूज्यपाद (ई.श.५) कृत जैनाभिषेक।
- अभयनन्दि (ई. श. १०-११) कृत श्रेयोविधान।
- आ. अभयनन्दि (ई.श. १०-११) कृत पूजाकल्प।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. १०-११) कृत अंकुरारोपण।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. १०-११) कृत प्रतिमासंस्कारारोपण।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. १०-११) कृत मातृकायन्त्र पूजा।
- आ. इन्द्रनन्दि (ई. श. १०-११) कृत शान्तिचक्रपूजा।
- आ. नयनन्दि (ई. ९९३-१०४३) कृत सकल विधि विधान।
- आ. श्रुतसागर (ई. १४८७-१५३३) कृत सिद्धचक्राष्टक पूजा।
- आ. श्रुतसागर (ई. १४८७-१५३३) कृत श्रुतस्कन्धपूजा। (ती./३/४००)।
- आचार्य मल्लिषेण (ई. ११२८) द्वारा विरचित ज्वालिनी कल्प।
- आ. मल्लिषेण (ई. ११२८) द्वारा विरचित पद्मावती कल्प।
- आ. मल्लिषेण (ई. ११२८) द्वारा विरचित वज्रपंजर विधान।
- पं.आशाधर (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित जिनयज्ञ कल्प।
- पं.आशाधर (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित नित्यमहोद्योत।
- आ. पद्मनन्दि (ई.१२८०-१३३०) कृत कलिकुण्डपार्श्वनाथ विधान।
- आ. पद्मनन्दि (ई. १२८०-१३३०) कृत देवपूजादि।
- पं.आशाधर के नित्यमहोद्योतपर आ. श्रुतसागर (ई. १४७३-१५३३) कृत महाभिषेक टीका।
- कवि देवी दयाल (ई. १७५५-१७६७) द्वारा भाषा में रचित चौबीसी पाठ।
- कवि वृन्दावन (ई. १७९१-१८४८) द्वारा भाषा में रचित चौबीसी पाठ।
- कवि वृन्दावन (ई. १७९१-१८४८) द्वारा हिन्दी भाषा में रचित समवसरण पूजापाठ।
- पं.संतलाल (ई. श. १७-१८) द्वारा भाषा छन्दों में रचित सिद्धचक्र विधान, जो श्री जिनसेनाचार्य द्वारा महापुराण में रचित जिन सहस्रनाम के आधार पर लिखा गया है।
- पं.संतलाल (ई.श. १७-१८) कृत दशलक्षणी अंग।
- पं.सदासुख (ई. १७९३-१८६३) कृत नित्य पूजा।
- पं.पन्नालाल (ई. १७९३-१८६३) कृत हिन्दी भाषा में रचित सरस्वती पूजा।
- पं.मनरंग लाल (ई. १८००) द्वारा रचित भाषा छन्द बद्ध चौबीसी पाठ पूजा।
- पं. मनरंग लाल (ई. १७९३-१८४३) द्वारा रचित सप्तऋद्धिपूजा।