प्रतीच्छना
From जैनकोष
ध. ९/४,१,५५/२६२/८ आइरियभडाइएहि परुविज्जमाणत्थावहारणं पडिच्छणा णाम । = आचार्य भट्टारकों द्वारा कहे जाने वाले अर्थ के निश्चय करने का प्रतीच्छना है ।
ध. १४/५,६,१२/९/४ आइरिएहिं कहिज्जमाणत्थाणं सुणणं पडिच्छणं णाम । = आचार्य जिन अर्थों का कथन कर रहे हों उनका सुनना प्रतीच्छना है ।