प्रभुत्व शक्ति
From जैनकोष
स.सा./आ./परि./शक्ति नं. ७ अखण्डितप्रताप- स्वातन्त्र्यशालित्वलक्षणा प्रभुत्वशक्तिः । = जिसका प्रताप अखण्डित है, ऐसा स्वातन्त्र्य से शोभायमानपना जिसका लक्षण है, ऐसी प्रभुत्व शक्ति है । ७।
पं.का./त.प्र./२८ निर्वर्तितसमस्ताधिकारशक्तिमात्रं प्रभुत्वं । = प्राप्त किये हुए समस्त (आत्मिक) अधिकारों की शक्ति मात्र रूप प्रभुत्व होता है ।