प्राणावायपूर्व
From जैनकोष
तेरह करोड़ पदों से युक्त बारहवाँ पूर्व । इसमें कायचिकित्सा आदि आठ प्रकार के आयुर्वेद का तथा प्राण अपान आदि विभागों का और उनकी पार्थिवी आदि धारणाओं का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.99, 10.118-119
तेरह करोड़ पदों से युक्त बारहवाँ पूर्व । इसमें कायचिकित्सा आदि आठ प्रकार के आयुर्वेद का तथा प्राण अपान आदि विभागों का और उनकी पार्थिवी आदि धारणाओं का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.99, 10.118-119