मणिभद्र
From जैनकोष
- सुमेरु पर्वत का नन्दनवन में स्थित एक मुख्य कूट व उसका रक्षक देव। अपर नाम बलभद्र कूट था– देखें - लोक / ३ / ६ -४।
- विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें - विद्या धर।
- यक्ष जाति के व्यन्तर देवों का एक भेद–देखें - यक्ष।
- (प.पु./७१/श्लो.)–यक्ष जाति का एक देव।६९। जिसने बहुरूपिणीविद्या सिद्ध करते हुए रावण की रक्षा की थी।८५।
- (ह.पु./४३/श्लो.)–अयोध्या नगरी में समुद्रदत्त सेठ का पुत्र था।१४९। अणुव्रत लेकर सौधर्म स्वर्ग में देव हुआ।१५८। यह कृष्ण के पुत्र शम्ब का पूर्व का चौथा भव है–देखें - शंब।