मल्लिभूषण
From जैनकोष
नन्दि संघ के बलात्कार गण की सूरत शाखा में विद्यानन्दि नं.२ के शिष्य तथा श्रुतसागर के सहधर्मा और लक्ष्मीचन्द्र व ब्र.नेमिदत्त के गुरु थे। समय–वि.१५३८-१५५६ (ई.१४८१-१४९९)– देखें - इतिहास / ७ / ४ । (ती./३/३७३)।
नन्दि संघ के बलात्कार गण की सूरत शाखा में विद्यानन्दि नं.२ के शिष्य तथा श्रुतसागर के सहधर्मा और लक्ष्मीचन्द्र व ब्र.नेमिदत्त के गुरु थे। समय–वि.१५३८-१५५६ (ई.१४८१-१४९९)– देखें - इतिहास / ७ / ४ । (ती./३/३७३)।