मिथ्यातप
From जैनकोष
संसार का कारणभूत तप । ऐसा तपस्वी अल्प ऋद्धिधारी देव हो सकता है और वहाँ से चयकर मनुष्य पर्याय भी प्राप्त कर सकता है, पर भवभ्रमण से नहीं छूटता । पद्मपुराण 114.36
संसार का कारणभूत तप । ऐसा तपस्वी अल्प ऋद्धिधारी देव हो सकता है और वहाँ से चयकर मनुष्य पर्याय भी प्राप्त कर सकता है, पर भवभ्रमण से नहीं छूटता । पद्मपुराण 114.36