मेघमाला व्रत
From जैनकोष
५ वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद कृ. १, ८, १४; शु. १, ८, १४ तथा आसौज कृ. १ इन सात तिथियों में सात-सात करके कुल ३५ उपवास करे । नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे । (व्रतविधान संग्रह/पृ. ८४)।
५ वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद कृ. १, ८, १४; शु. १, ८, १४ तथा आसौज कृ. १ इन सात तिथियों में सात-सात करके कुल ३५ उपवास करे । नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे । (व्रतविधान संग्रह/पृ. ८४)।