मेघवाहन
From जैनकोष
- प. पु./५/श्लोक नं.−‘‘सगर चक्रवर्ती के ससुर सुलोचन के प्रतिद्वन्द्वी पूर्ण घन का पुत्र था । (८७)। सुलोचना के पुत्र द्वारा परास्त होकर भगवान् अजितनाथ के समवशरण में गया । (८७-८८)। वहाँ राक्षसों के इन्द्र भीम व सुभीम ने प्रसन्न होकर उसको लंका व पाताल लंका राज्य तथा राक्षसी विद्या प्रदान की । (१६१-१६७)। अन्त में अजितनाथ भगवान् से दीक्षा ले ली । (२३९-२४०)।
- पं. पु./सर्ग/श्लोक- ‘‘रावण का पुत्र था । (८/१५८)। लक्ष्मण द्वारा रावण के मारे जाने पर विरक्त हो दीक्षा धारण कर ली । (७८/८१-८२)।’’